Monday, 3 June 2019

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ज्ञानेश पाटीदार

ध्यान मूलं गुरोमूर्ति, 
 पूजा मूलं गुरोपद्म।
मंत्र मूलं गुरोवाक्यं,
                           मोक्ष मुलं गुरोकृपा।।




ध्यान करने से गुरू की मुर्ति के दर्शन होते है। पूजा करना होतो गुरो के पद चरणो की करना चाहीए। मंत्र ही गुरू का वाक्य है, मोक्ष का मुल साधन गुरू की कृपा है।

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