Sunday, 11 March 2018
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सपने का भ्रमजाल चंदन नगरी के राजा महेंद्र प्रजापत थे एक दिन उन्होंने सपना देखा कि राज्य में विप्लव हो गया और प्रजा ने ...
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🌺🌸🌻🌼🍀🍁🌷🌹🌲🌳 "सारा *जहाॅ* उसीका है जो *मुस्कुराना* जानता है *रोशनी* भी उसीकी है जो शमा ...
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🌼🐾🌾🌼🐾🌾🌼🐾🌾 *हमेशा खुश* *रहना चाहिए,* *क्योंकि* *परेशान होने...

पैर में से काँटा निकल जाए तो
ReplyDeleteचलने में मज़ा आ जाता है
और मन में से अहंकार निकल जाए तो
जीवन जीने में मज़ा आ जाता है
चलने वाले पैरों में कितना फर्क है
एक आगे है तो एक पीछे
पर ना तो आगे वाले को अभिमान है
और ना पीछे वाले को अपमान
क्योंकि उन्हें पता होता है
कि पलभर में ये बदलने वाला है,