Wednesday, 2 May 2018

ज्ञानेश पाटीदार
"क्षमा " उन फूलों के
समान हैं जो कुचले जाने
पर भी "खुशबू "देना
 नहीं भूलते

जय श्रीकृष्णा
E-mail--ict3955@gmail.com
Mo.no.+919649461224

1 comment:

सपने का भ्रमजाल         चंदन नगरी के राजा महेंद्र प्रजापत थे एक दिन उन्होंने सपना देखा कि राज्य में विप्लव हो गया और प्रजा  ने ...