Monday, 15 May 2017

*तलाश जिंदगी की थी*
*दूर तक निकल पड़े,,,,*
*जिंदगी मिली नही*
*तज़ुर्बे बहुत मिले,;;*
*किसी ने मुझसे कहा कि...*
*तुम इतना *ख़ुश* *कैसे रह लेते हो?*
*तो  मैंने कहा कि...*.
*मैंने जिंदगी की गाड़ी से...*
*वो साइड ग्लास ही हटा दिये...*
*जिसमेँ पीछे छूटते रास्ते और..*
*बुराई करते लोग नजर आते थे..*
             
      ""सदा मुस्कुराते रहिये"" 🙏


2 comments:

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